NASA रख रहा है नजर ,धरती के पास से गुजरेगा Christmas पर स्टेचू ऑफ लिबर्टी से बड़ा 2014-SD224 नाम का ऐस्टरॉइड

Christmas की रात धरती के पास से गुजरेगा स्टेचू ऑफ लिबर्टी से बड़ा ऐस्टरॉइड 2014-SD224

NASA  रख रहा है नजर ,धरती के पास से गुजरेगा  Christmas पर स्टेचू ऑफ लिबर्टी से बड़ा 2014-SD224 नाम का ऐस्टरॉइड
NASA  रख रहा है नजर ,धरती के पास से गुजरेगा  Christmas पर स्टेचू ऑफ लिबर्टी से बड़ा 2014-SD224 नाम का ऐस्टरॉइड
NASA  रख रहा है नजर ,धरती के पास से गुजरेगा  Christmas पर स्टेचू ऑफ लिबर्टी से बड़ा 2014-SD224 नाम का ऐस्टरॉइड
NASA  रख रहा है नजर ,धरती के पास से गुजरेगा  Christmas पर स्टेचू ऑफ लिबर्टी से बड़ा 2014-SD224 नाम का ऐस्टरॉइड
NASA  रख रहा है नजर ,धरती के पास से गुजरेगा  Christmas पर स्टेचू ऑफ लिबर्टी से बड़ा 2014-SD224 नाम का ऐस्टरॉइड

Credits NASA CNEOS Asteroid News:  क्रिसमस की रात यानी शुक्रवार को आसमान में आतिशबाजी देखने को मिल सकती है। 25 दिसंबर को अमेरिका के स्टेचू ऑफ लिबर्टी से भी बड़ा 2014 SD224 नाम का ऐस्टरॉइड लगभग 36 हजार किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से धरती के नजदीक से गुजरेगा।इस ऐस्टरॉइड 2014 SD224  को पहली बार पिछले साल सितंबर 2014 में नासा द्वारा  खोजा गया था। तभी यह अंदाजा लगाया गया था कि कुछ साल बाद यह हमारी धरती के पास से गुजर सकता है। इस ऐस्टरॉइड की लंबाई 200 मीटर के आसपास मापी गई है। जो की स्टैचू ऑफ लिबर्टी के बराबर  है।

NASA CNEOS (CNEOS is NASA's center for computing asteroid and comet orbits and their odds of Earth impact.)  के सेंटर फॉर नियर अर्थ ऑब्जेक्ट स्टडीज का अनुमान है कि 25 दिसंबर की रात करीब 8.15 बजे 2014 SD224 धरती के सबसे करीब आ जाएगा। नासा के वैज्ञानिकों ने अपने बयान में कहा कि ऐस्टरॉइड 2014 SD224  धरती से लगभग 30 लाख किलोमीटर की सुरक्षित दूरी से गुजर जाएगा। इस कारण ऐस्टरॉइड 2014 SD224 का कोई भी प्रभाव धरती पर पड़ने की उम्मीद नहीं है। बता दें कि जो भी 2014 SD224 ऐस्टरॉइड धरती की कक्षा को काटती हैं उन्हें NASA संभावित खतरे के रूप में देखता है।

ऐस्टरॉइड्स (Asteroid) इन्हें लघु ग्रह या क्षुद्र ग्रह या ग्रहिका कहते हैं  यह ज्यादातर   ऐस्टरौएड बॅल्ट  से आते हैं | क्षुद्रग्रह घेरा या ऐस्टरौएड बॅल्ट  (Asteroid belt) हमारे सौर मण्डल का एक क्षेत्र है जो मंगल ग्रह (मार्ज़) {Mars}और बृहस्पति ग्रह (ज्यूपिटर) {Jupiter}  की कक्षाओं के बीच स्थित है और जिसमें हज़ारों-लाखों क्षुद्रग्रह (ऐस्टरौएड) सूरज की परिक्रमा कर रहे हैं। 

इसके अलावा भी ये दूसरे ग्रहों की कक्षा में घूमते रहते हैं और ग्रह के साथ ही सूरज का चक्कर काटते हैं। करीब 4.5 अरब साल पहले जब हमारा सोलर सिस्टम बना था, तब गैस और धूल के ऐसे बादल जो किसी ग्रह का आकार नहीं ले पाए और पीछे छूट गए, वही इन चट्टानों यानी ऐस्टरॉइड्स में तब्दील हो गए। यही वजह है कि इनका आकार भी ग्रहों की तरह गोल नहीं होता। कोई भी दो ऐस्टरॉइड एक जैसे नहीं होते हैं।

 घूर्णन (रोटेशन) करते हुए वॅस्टा (Vesta) का चित्रण

 इनमें एक ९५० किमी के व्यास वाला सीरीस नाम का बौना ग्रह भी है जो अपने स्वयं के गुरुत्वाकर्षक खिचाव से गोल अकार पा चुका है। यहाँ तीन और ४०० किमी के व्यास से बड़े क्षुद्रग्रह पाए जा चुके हैं - वॅस्टा, पैलस और हाइजिआ। पूरे क्षुद्रग्रह घेरे के कुल द्रव्यमान में से आधे से ज़्यादा इन्ही चार वस्तुओं में निहित है। बाक़ी वस्तुओं का अकार भिन्न-भिन्न है - कुछ तो दसियों किलोमीटर बड़े हैं और कुछ धूल के कण मात्र हैं।

नासा धरती के करीब आने वाले सभी ऐस्टरॉइड्स पर करीबी नजर बनाए हुए है।NASA का  CNEOS सिस्टम  (CNEOS is NASA's center for computing asteroid and comet orbits and their odds of Earth impact) सिस्टम ऐसे खतरों पर पहले से ही नजर रखता है।

सेन्ट्री (Sentry) अमेरिका अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान  NASA  की एक स्वचालित (ऑटोमैटिक) प्रणाली है जो लगातार  क्षुद्रग्रहों पर इस दृष्टि से निगरानी रखती है कि कहीं उनमें से कोई भविष्य के लगभग १०० वर्षों के भीतर पृथ्वी से न आ टकराये। अगर सेन्ट्री को किसी सम्भवित प्रहार का संकेत मिलता है तो उसे तुरंत ही पृथ्वी-समीप वस्तु कार्यक्रम (Near Earth Object Program) में प्रकाशित कर दिया जाता है।

इसमें आने वाले 100 सालों के लिए फिलहाल  कुछ ऐसे ऐस्टरॉइड्स हैं जिनके पृथ्वी से टकराने की थोड़ी सी भी संभावना है। इस लिस्ट में सबसे पहला और सबसे बड़ा ऐस्टरॉइड 29075 (1950 DA) जो 2880 तक नहीं आने वाला है। इसका आकार अमेरिका की एम्पायर स्टेट बिल्डिंग का भी तीन गुना ज्यादा है और एक समय में माना जाता था कि पृथ्वी से टकराने की इसकी संभावना सबसे ज्यादा है।

सेन्ट्री हमेशा ऐसी वस्तुओं की ताज़ी तालिका रखता है जिनका पृथ्वी पर प्रहार होने का ख़तरा सर्वाधिक है। इस तालिका में हमेशा कई खोये हीन ग्रह शामिल होते हैं, जो कभी तो खगोलशास्त्रियों को दिखे थे लेकिन फिर अपनी बेढंगी चाल के कारण नज़र से ओझल हो चुके हैं और भविष्य में अचानक आ धमक सकते हैं।

Source : wikipedia / NASA