क्या आप भी गलत प्राणायाम करते हैं? जानिए

Details,Types, style and teachniques of Pranayama-Part-1

क्या आप भी गलत प्राणायाम करते हैं? जानिए

नमस्कार दोस्तों,

मैं विनय गौड़ योग गुरु आज आपको प्राणायाम की विधि विधान के बारे में बताना चाहूंगा सबसे पहले महत्वपूर्ण बात जो विधि विधान में आती है वह है स्थान

1-स्थान-समतल शुद्ध शांत व हवादार होना चाहिए साधक को सीधी हवा नहीं लगनी चाहिए पंखे के नीचे भीड़ भाड़ व शोर वाली जगह प्राणायाम ना करें ।

2-समय-प्राणायाम के अभ्यास प्रातः का ब्रम्ह वेला में होने चाहिए।उस समय वायुमंडल शांत होता है ऑक्सीजन की मात्रा वायुमंडल में अधिक होती है शुरू में 5 से 10 मिनट तक और बाद में आधा से एक घंटा प्राणायाम को दे सकते हैं कभी कम कभी अधिक देर तक करना उचित नहीं है।

3-आसन -प्राणायाम, सिद्धासन, पद्मासन में किए जाते हैं शरीर को सीधा रखकर तनाव रहित सहज वह सुखदायक स्थिति में करने चाहिए दोनों हाथ दोनों घुटनों पर ज्ञान मुद्रा में रखने चाहिए आंखें धीरे से बंद रहनी चाहिए शरीर को ढीला वह मन को विचारों से हटाकर मन को एकाग्र कर ले।

4-विधि- प्राणायाम करते हुए अपना ध्यान श्वास पर रखना चाहिए प्राणायाम करते समय श्वास की गति धीमी व नियंत्रित होनी चाहिए नाक के दाएं बाएं छिद्रओ को बंद करने के लिए दाहिने हाथ का अंगूठा तथा अनामिका (अंगूठे से तीसरी उंगली )का प्रयोग करना चाहिए पहली और दूसरी उंगली हथेली की ओर मुड़ी होनी चाहिए। बांया हाथ घुटनों पर हाथ रखना चाहिए।